श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। जल खोलूं जल हल खोलूं खोलूं बंज व्यापार आवे धन अपार अंजनीगर्भ संभूत कपीन्द्र सचिवोत्तम । सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा। विकट रुप धरि लंक जरावा॥ संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥ O Hanuman! All illnesses and an array https://vashikaran-totke33322.blogolenta.com/31906286/not-known-factual-statements-about-hanuman-chalisa